
सोमनाथ मंदिर अतिक्रमण मामला: ‘वहां ग्रेट वॉल ऑफ चाइना बना दी’, याचिकाकर्ता की दलील पर SG मेहता का करा
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (28 अप्रैल, 2025) को गुजरात सरकार से कहा कि गिर स्थित सोमनाथ मंदिर के पास एक विध्वंस स्थल पर अतिक्रमण रोकने के लिए बनाई जा रही दीवार पांच से छह फुट ऊंची होनी चाहिए. याचिकाकर्ता का कहना है कि 12 फुट की दीवार बनाई जा रही है. उनके वकील ने इसे ग्रेट वॉल ऑफ चाइना बताते हुए आपत्ति जताई है कि याचिकाकर्ता को पता नहीं चल पा रहा कि अंदर क्या हो रहा है. इस पर गुजरात सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सनसनीखेज माहौल न बनाएं.
जस्टिस भूषण रामाकृष्ण गवई और जस्टिस अगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने ये टिप्पणियां की हैं. राज्य सरकार ने पीठ को सूचित किया था कि वह अतिक्रमण रोकने के लिए एक दीवार बनवा रही है. परिसर की दीवार की ऊंचाई पर याचिकाकर्ता के दावे का विरोध करते हुए गुजरात का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अधिकारी हमेशा परिसर की दीवार बनाकर सरकारी भूमि की रक्षा कर सकते हैं.
जस्टिस गवई ने कहा, ’12 फुट की दीवार मत बनवाइए. अगर आप अतिक्रमण रोकना चाहते हैं तो पांच से छह फुट काफी है.’ तुषार मेहता ने कहा कि 12 फुट की दीवार बनाने का दावा याचिकाकर्ता के वकील का मौखिक कथन मात्र है.
एसजी मेहता ने कहा, ‘हम कोई किलेबंदी नहीं कर रहे कि कोई अंदर नहीं जा सके. यह अनधिकृत अतिक्रमण से इसे बचाने के लिए हैं.’ जस्टिस गवई ने तुषार मेहता से कहा कि इस बारे में संबंधित जिलाधिकारी को निर्देश दिया जाए. तुषार मेहता ने कहा, ‘मैं निर्देश दूंगा.’
याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट संजय हेगड़े ने कहा कि अधिकारी परिसर की दीवार बनाकर यथास्थिति बदलने का प्रयास कर रहे हैं. तुषार मेहता ने हेगड़े के दावों को खारिज कर दिया और इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में दिए गए उनके पहले के बयान का जिक्र किया.
तुषार मेहता ने 31 जनवरी को स्पष्ट बयान दिया था कि अतिक्रमण वाली जमीन पर हिंदू धार्मिक अनुष्ठानों समेत किसी भी गतिविधि की मंजूरी नहीं दी जा रही. उन्होंने सोमवार को कहा स्थिति जस की तस है. उन्होंने कहा, ‘हम सिर्फ अतिक्रमण रोकने के लिए परिसर की दीवार बना रहे हैं.’
संजय हेगड़े ने कहा कि अधिकारी 12 फुट ऊंची दीवार बना रहे हैं और याचिकाकर्ता को नहीं पता कि अंदर क्या हो रहा है. पीठ ने कहा, ‘आपको पता क्यों नहीं होगा? अब तो हर जगह ड्रोन उपलब्ध हैं.’ तब संजय हेगड़े ने कहा, ‘यह ऐसा है जैसे आपने ग्रेट वॉल ऑफ चाइना बना दी हो और कह रहे हो कि हम उसकी रक्षा कर रहे हैं.’
तुषार मेहता ने जवाब दिया, ‘यह ग्रेट वॉल ऑफ चाइना नहीं है. कृपया मामले को सनसनीखेज नहीं बनाएं.’ याचिकाकर्ता ने कहा कि स्थान पर यथास्थिति बनाकर रखी जानी चाहिए. पीठ ने सुनवाई के लिए 20 मई की तारीख तय की.
सुप्रीम कोर्ट ने संजय हेगड़े से कहा कि अधिकारी कोई अन्य निर्माण कार्य करते हैं तो वह अदालत में आ सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने 31 जनवरी को गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में ध्वस्त की गई एक दरगाह पर 1 फरवरी से 3 फरवरी के बीच ‘उर्स’ आयोजित करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था.
बेंच ने तुषार मेहता की दलील का संज्ञान लिया कि सरकार की जमीन पर मंदिर समेत समस्त अनाधिकृत निर्माण कार्यों को गिरा दिया गया. सुप्रीम कोर्ट की पूर्व अनुमति के बिना 28 सितंबर को जिले में आवासीय और धार्मिक संरचनाओं को कथित रूप से ध्वस्त करने के लिए गुजरात अधिकारियों के खिलाफ भी एक अवमानना याचिका दायर की गई थी.
गुजरात सरकार ने अपने विध्वंस अभियान को जायज ठहराते हुए कहा कि यह सार्वजनिक भूमि से अतिक्रमण हटाने का एक सतत अभियान है. बेंच गुजरात हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें मुस्लिम धार्मिक ढांचों को गिराने पर यथास्थिति बनाए रखने से इनकार कर दिया गया था.
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