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‘देश का बंटवारा नहीं होना चाहिए था’, कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने मिलाए मणिशंकर अय्यर के सुर में सु

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‘देश का बंटवारा नहीं होना चाहिए था’, कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने मिलाए मणिशंकर अय्यर के सुर में सु

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Rashid Alvi on Mani Shankar Aiyar’s statement: पहलगाम आतंकी हमले को लेकर राजनीतिक बयानबाजियों का दौर जारी है. दिल्ली स्थित इंडियन इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित एक कार्यक्रम में  कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने कहा कि भारत आज भी विभाजन के दर्द के साथ जी रहा है.

मणिशंकर अय्यर के इस बयान पर जहां सियासी हलचल मची हुई है. वहीं, दूसरी तरफ वरिष्ठ कांग्रेस नेता राशिद अल्वी का भी इसको लेकर बयान सामने आई है. 

कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कही ये बात

कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने मणिशंकर अय्यर के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “ये बात सही है कि अगर भारत का बंटवारा नहीं होता और अखंड भारत होता तो हालात आज बिल्कुल अलग होते. हमारे यहां आतंकवाद कौन फैला रहा है? पाकिस्तान फैला रहा है. अगर पाकिस्तान बना ही नहीं होता तो आतंकवाद भी नहीं होता. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था कि किन हालातों में भारत का बंटवारा हुआ और पाकिस्तान बना, जिसमें लाखों लोग मारे गए और बेघर हुए.”

उन्होंने कहा,  “अब समय बदल गया है. आज पाकिस्तान और बांग्लादेश दोनों हैं और हमें मौजूदा हालात का डटकर सामना करना है. बंटवारा गलत था, लेकिन अब हम यह बर्दाश्त नहीं कर सकते कि कोई हमारे घर में घुसकर आतंक फैलाए. पाकिस्तान बार-बार हमला करता है. इसके लिए भारत सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि बॉर्डर को पूरी तरह सुरक्षित रखे.”

उन्होंने आगे कहा, “जब हमारे प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री थे, तब वे भी सवाल उठाते थे कि अगर घुसपैठ हो रही है तो यह केंद्र सरकार की नाकामी है. पाकिस्तान को सबक सिखाना चाहिए, लेकिन मौजूदा सरकार को भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए बॉर्डर को मजबूत करना चाहिए.”

मणिशंकर अय्यर ने अपने बयान में कही ये बात

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने शनिवार को कहा कि उन्हें यह सोचकर हैरानी हो रही है कि क्या पहलगाम की दुखद घटना देश के बंटवारे से जुड़े पुराने सवालों का नतीजा है. दिल्ली में एक किताब के विमोचन कार्यक्रम में बोलते हुए अय्यर ने कहा कि उस समय भी देश के सामने एक सवाल था और आज भी वही सवाल है क्या भारत में मुसलमान खुद को स्वीकार किया हुआ, प्यार किया हुआ और सम्मानित महसूस करते हैं?

उन्होंने कहा, “उस समय कई लोगों ने बंटवारा रोकने की कोशिश की थी, लेकिन गांधीजी, पंडित नेहरू, जिन्ना और जिन्ना से असहमत कई मुसलमानों के बीच भारत की राष्ट्रीय पहचान और उसकी सभ्यता को लेकर मूल सोच में मतभेद थे, जिसकी वजह से बंटवारा हो गया.” अय्यर ने आगे कहा, “आज के भारत में भी सवाल है क्या मुसलमान महसूस करता है कि उसे अपनाया जा रहा है? क्या उसे प्यार और इज्जत मिल रही है? मैं इसका जवाब नहीं दूंगा, आप किसी भी मुसलमान से पूछ लीजिए, जवाब मिल जाएगा.”

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